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"बेालो-बोलो ज़िन्दाबाद / डी. एम. मिश्र" के अवतरणों में अंतर

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दिल्ली पहुँच गया
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लँगड़ै बनिगै गगन बिहारी
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बेालो-बोलो ज़िन्दाबाद
  
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झूठ से चलती देश की गाड़ी
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झूठ का रुतबा सबसे ऊपर
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सुबहौ झूठ
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शामौ झूठ
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अल्लौ झूठ
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रामौ झूठ
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छल-बल से अर्जित सिंहासन
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कहाँ सुशासन-कहाँ सुशासन
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गली-गली में खड़े दुशासन
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जनता मरिगै लइकै साड़ी
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बेाल -बोलो ज़िन्दाबाद
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आधी जनता पढ़ी-लिखी
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मन्थरा की नानी
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कोउ नृप होय
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उसे का हानी
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केहू कै कोल्हू
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वो कै घानी
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आधी जनता बड़ी सयानी
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जब तक दारू नोट नहीं
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तब तक कोई वोट नहीं
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जिसकी जितनी बड़ी खरीद
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उसकी उतने मतों से जीत
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परधानी से पी एम तक
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गाँव से लेकर दिल्ली तक
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महिमा लोकतंत्र की न्यारी
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गदहे खींचें अक्ल की गाड़ी
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बेालो-बोलो ज़िन्दाबाद
 
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22:30, 1 जनवरी 2017 के समय का अवतरण

साँच गली कूचे में बैठा
माथा पीट रहा
झूठ हमारा राजा बनकर
दिल्ली पहुँच गया
लँगड़ै बनिगै गगन बिहारी
बेालो-बोलो ज़िन्दाबाद

झूठ का धन्धा सबसे ऊपर
झूठ का जलवा सबसे ऊपर
झूठ से चलती देश की गाड़ी
झूठ का रुतबा सबसे ऊपर
सुबहौ झूठ
शामौ झूठ
अल्लौ झूठ
रामौ झूठ

 छल-बल से अर्जित सिंहासन
 कहाँ सुशासन-कहाँ सुशासन
 गली-गली में खड़े दुशासन
 जनता मरिगै लइकै साड़ी
 बेाल -बोलो ज़िन्दाबाद

 आधी जनता पढ़ी-लिखी
 मन्थरा की नानी
 कोउ नृप होय
 उसे का हानी
 केहू कै कोल्हू
 वो कै घानी

 आधी जनता बड़ी सयानी
 जब तक दारू नोट नहीं
 तब तक कोई वोट नहीं
 जिसकी जितनी बड़ी खरीद
 उसकी उतने मतों से जीत
 परधानी से पी एम तक
 गाँव से लेकर दिल्ली तक
 महिमा लोकतंत्र की न्यारी
 गदहे खींचें अक्ल की गाड़ी
 बेालो-बोलो ज़िन्दाबाद