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तीरोॅ पर तीर चलावै छै, नेता संसद में गुर्रावै छै।
देशोॅ के छाती मूँग दलै, आजादी जश्न मनावै छै।
 
जनता के निवाला छीनै, जानवर के चारा चिबावै छै।
राम राज केॅ ताखा राखी, पार्टी के बिगुल बजावै छै।
 
तोड़ी मरजादा कानून के जनता केॅ नीति सिखावै छै।
छुछ्छे भाषण दै केॅ रोजे जन-जन केॅ भरमावै छै।
 
तिरंगा तेॅ ग्लानि में कांपै लाठी ही खाली घुमावै छै।
हे ईश्वर ! कैन्होॅ ई पाखंड देशोॅ में आग लगावै छै।
 
तीरोॅ पर तीर चलावे छै, नेता संसद में गुर्रावै छै।
देशोॅ के छाती मूँग दलै, आजादी जश्न मनावै छै।
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