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"मतलब / अरुण कमल" के अवतरणों में अंतर
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मैंने लाल दहकती हुई धमन भट्ठी देखी | मैंने लाल दहकती हुई धमन भट्ठी देखी | ||
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और लगा कोई बुला रहा है | और लगा कोई बुला रहा है | ||
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जैसे कोई दिल खुल रहा हो मेरे लिए | जैसे कोई दिल खुल रहा हो मेरे लिए | ||
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फाँक-फाँक हो रहा हो सूर्य-सन्तरा | फाँक-फाँक हो रहा हो सूर्य-सन्तरा | ||
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मैं जब भी चित्त | मैं जब भी चित्त | ||
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मैदान में लेटा | मैदान में लेटा | ||
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आसमान बड़ी आँख की तरह | आसमान बड़ी आँख की तरह | ||
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खींचने लगा मुझे | खींचने लगा मुझे | ||
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:::एकटक | :::एकटक | ||
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और नदी के ठीक बीच में | और नदी के ठीक बीच में | ||
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जहाँ जल बिल्कुल स्थिर गाढ़ा था | जहाँ जल बिल्कुल स्थिर गाढ़ा था | ||
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लगा कोई गोद है वहाँ कोई वक्ष | लगा कोई गोद है वहाँ कोई वक्ष | ||
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और तारों भरा आकाश | और तारों भरा आकाश | ||
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काले पहाड़-सा जिसके रोम-रोम से फूटा हो | काले पहाड़-सा जिसके रोम-रोम से फूटा हो | ||
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::::चमचम झरना | ::::चमचम झरना | ||
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यह सब इतना सुन्दर क्यों है? | यह सब इतना सुन्दर क्यों है? | ||
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आख़िर क्या मतलब है इसका? | आख़िर क्या मतलब है इसका? | ||
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13:41, 5 नवम्बर 2009 के समय का अवतरण
मैंने लाल दहकती हुई धमन भट्ठी देखी
और लगा कोई बुला रहा है
जैसे कोई दिल खुल रहा हो मेरे लिए
फाँक-फाँक हो रहा हो सूर्य-सन्तरा
मैं जब भी चित्त
मैदान में लेटा
आसमान बड़ी आँख की तरह
खींचने लगा मुझे
एकटक
और नदी के ठीक बीच में
जहाँ जल बिल्कुल स्थिर गाढ़ा था
लगा कोई गोद है वहाँ कोई वक्ष
और तारों भरा आकाश
काले पहाड़-सा जिसके रोम-रोम से फूटा हो
चमचम झरना
यह सब इतना सुन्दर क्यों है?
आख़िर क्या मतलब है इसका?