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आत्मपरिचय / हरिवंशराय बच्चन
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02:19, 19 जून 2012
|रचनाकार=हरिवंशराय बच्चन
}}
<poem>
मैं जग-जीवन का भार लिए फिरता हूँ,
मैं मस्ती का संदेश लिए फिरता हूँ!
</poem>
Dr. ashok shukla
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