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नीरज दोहावली / गोपालदास "नीरज"
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08:04, 9 अप्रैल 2009
आत्मा के सौन्दर्य का, शब्द रूप है काव्य<br>
किसी व्यक्ति के लिये
मानव होना भाग्य
है, कवि होना सौभाग्य। <br>
19
Umesh Gusain
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