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"किराएदार / अनवर ईरज" के अवतरणों में अंतर

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ये आलीशान मकान
 
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जिसके हाते में
 
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रंग-बिरंग के फूल खिले हैं
 
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ये कभी हमारा था
 
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और हम इसके मालिक हुआ करते थे
 
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लेकिन
 
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अब हम इसके मालिक नहीं
 
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हिस्सेदार भी नहीं
 
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किराएदार हो गए हैं
 
किराएदार हो गए हैं
 
 
पचपन साल नौ महीने सत्ताईस दिन से
 
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हम अपने ही मकान में
 
हम अपने ही मकान में
 
 
किराएदार की हैसियत से
 
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रहते चले आ रहे हैं
 
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मकान का
 
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ये ख़ुद-साख़्ता मालिक
 
ये ख़ुद-साख़्ता मालिक
 
 
बार-बार हमें
 
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निकाल देने की धमकियाँ दे रहा है
 
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19:03, 4 नवम्बर 2009 के समय का अवतरण

ये आलीशान मकान
जिसके हाते में
रंग-बिरंग के फूल खिले हैं
ये कभी हमारा था
और हम इसके मालिक हुआ करते थे
लेकिन
अब हम इसके मालिक नहीं
हिस्सेदार भी नहीं
किराएदार हो गए हैं
पचपन साल नौ महीने सत्ताईस दिन से
हम अपने ही मकान में
किराएदार की हैसियत से
रहते चले आ रहे हैं
मकान का
ये ख़ुद-साख़्ता मालिक
बार-बार हमें
निकाल देने की धमकियाँ दे रहा है