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"कविता तय करती है / कुमार मुकुल" के अवतरणों में अंतर

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जानते हुए  कि  कविता  
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|प्रकाशक=प्रभाकर प्रकाशन,प्‍लट न.- 55, मेन मदर डेयरी रोड, पांडव नगर, ईस्‍ट दिल्‍ली - 110092
व्यक्तित्व  चमकाने की चीज नहीं
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|वर्ष=2024
एक मुकम्मल बयान  और  शब्दों में
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|भाषा=हिन्दी
आदमी होने की  तमीज है
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|विषय=कविताएँ
जानना चाहोगे तुम
+
|शैली=--
कि कविता क्या है
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|पृष्ठ=148
कैसे यह
+
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महबूबा के होठों से
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गुलमोहर की शाखों पर खिलती हुई
+
}}
सड़क पर बिखरे 
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* [[सबसे अच्‍छे खत / कुमार मुकुल]]
आदमी के खून तक का सफर
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* [[चांदनी का टीला / कुमार मुकुल]]
पूरा करती है  
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* [[कविता तय करती है / कुमार मुकुल]]
कविता रोटी की फसल पैदा कर सकती है
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* [[पहाड़ / कुमार मुकुल]]
यह व्यक्ति को सार्वजनिक करती है
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या सार्वजनिक को व्यक्त ?
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अपनी छोटी सी समझ से
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हम हैं , इसी से कविता है
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यह हमारे होने का प्रमाण है
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कविता मैं से
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तुम या वह होने की छटपटाहट है
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बतलाती है यह  कि तटस्थता
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नपुंसकों की अक्षमता ढकने को
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एक सुंदर भावबोध है
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और समष्टि से संलग्नता
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उर्वर होने की शर्त
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यह वसंत से
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कोयल की कूक और बौरों की गंध का  
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संबंध साबित करती है
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यह बतलाती है कि कैसे
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शून्‍य में दागे गए चुंबनों के चिन्ह
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प्रिया के रुखसारों पर सिहरन पैदा करते हैं
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यह सिखलाती है
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कि नियॉन लाइट्स की रौशनी
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हमारे अंतर का अंधकार
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दूर नहीं कर सकती
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कि ध्वनि या प्रकाश के वेग से दौड़ें हम
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धरती लंबी नहीं होने को
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कि एकता  मारे बेजान केचुओं का
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समूह नहीं  एक बंधी हुई मुठ्ठी है
+
 
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यह बंदूक की नली से
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भेड़िए और मेमने का
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फर्क करना सिखलाती है
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कविता   तय करती है कि कब
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चूल्हे में जलती लकड़ी को
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मशाल की शक्ल में थाम लिया जाए
+
 
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या अन्य ढेर सारी गांठें
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जिन्हें कोई नहीं खोलता
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कविता खोलती है
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जहां कहीं भी गति है वहीं जीवन है
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और कविता भी।​​
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22:45, 19 मई 2024 का अवतरण

कविता तय करती है
General Book.png
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रचनाकार कुमार मुकुल
प्रकाशक प्रभाकर प्रकाशन,प्‍लट न.- 55, मेन मदर डेयरी रोड, पांडव नगर, ईस्‍ट दिल्‍ली - 110092
वर्ष 2024
भाषा हिन्दी
विषय कविताएँ
विधा
पृष्ठ 148
ISBN 978-93-56825-04-8
विविध
इस पन्ने पर दी गई रचनाओं को विश्व भर के स्वयंसेवी योगदानकर्ताओं ने भिन्न-भिन्न स्रोतों का प्रयोग कर कविता कोश में संकलित किया है। ऊपर दी गई प्रकाशक संबंधी जानकारी छपी हुई पुस्तक खरीदने हेतु आपकी सहायता के लिये दी गई है।