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"नूतन वर्ष / राहुल शिवाय" के अवतरणों में अंतर

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त्याग उदासी के चोले को
 
त्याग उदासी के चोले को
 
पहने हर्ष  
 
पहने हर्ष  
 
रचनाकाल-01 जनवरी 2018
 
 
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18:50, 18 फ़रवरी 2020 के समय का अवतरण

नई सुबह लेकर आया है
नूतन वर्ष

प्रथम प्यार की प्रथम छुवन
की पुलक लिए
जूही, चम्पा, गेंदा सबकी
महक लिए
विगत वर्ष की ठिठुरन से
जीता संघर्ष

मन-मन में लेकर मिठास
अपनेपन की
दूध भरी गेहूँ-बाली के
यौवन की
कथा बाँचता है जीवन का
नव उत्कर्ष

बदल गई है ज्यों
मुस्कानों की भाषा
आँख-आँख में तैर रही
नूतन आशा
त्याग उदासी के चोले को
पहने हर्ष