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सांग:- गोपीचंद-भरथरी & (अनुक्रमांक-26 )
जवाब - गोपीचंद का गुरु गौरख से।
'''जिसका कंथ रहै ना पास, कामनी रहती रोज उदास,''''''छः रूत बारा मास, बिचारी दुखिया मन मै ।। टेक ।।'''
चैत गया चमक रही ना सै, यो बैसाख बदन बट खा सै,
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