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"बँटा हुआ एक घर / कुँवर दिनेश" के अवतरणों में अंतर

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एक घर पे:
 
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एक ही छत के नीचे
 
एक ही छत के नीचे
बंटा हुआ एक घ र
+
बंटा हुआ एक घर
कितने ही कट-
+
कितने ही  
घ रों में विभाजित,
+
कटघरों  में विभाजित,
 
सब में पृथक्-
 
सब में पृथक्-
 
पृथक् चूल्हा,
 
पृथक् चूल्हा,

04:59, 4 नवम्बर 2024 के समय का अवतरण


मैंने कविता लिखनी चाही
एक घर पे:
एक ही छत के नीचे
बंटा हुआ एक घर
कितने ही
कटघरों में विभाजित,
सब में पृथक्-
पृथक् चूल्हा,
चूल्हे से उठता धुँआ-
सब क-ट-घ-रों में फैल रहा,
धुँए में कुछ भी
साफ़ नहीं दीख पड़ रहा...
धुँआ हटे
तो कविता बने...