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रचते गढ़ते
Rachte Gadhte Surendra Snigdh.jpg
रचनाकार सुरेन्द्र स्निग्ध
प्रकाशक किताब महल, 22-ए सरोज़नी नायडू मार्ग, इलाहाबाद, उत्तर प्रदेश, भारत
वर्ष 2008
भाषा हिन्दी
विषय कविताएँ
विधा मुक्त छन्द
पृष्ठ 94
ISBN
विविध
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इस पुस्तक में संकलित रचनाएँ

ब्रह्माण्ड को रचते गढ़ते थक गई है माँ

गहरी नींद सुलाता है तुम्हारा नाम

दिल्ली बहुत दुख देती है

तेरह जातिवादी (अ) कविताएँ