भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"न´् नजर आबऽ हे / उमेश बहादुरपुरी" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=उमेश बहादुरपुरी |अनुवादक= |संग्रह...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
 
 
पंक्ति 7: पंक्ति 7:
 
{{KKCatKavita}}
 
{{KKCatKavita}}
 
<poem>
 
<poem>
केकरा कही हम अप्पन हो भइया।
+
केकरा कही हम अप्पन हो भइया
कोय न´् अप्पन नजर आबऽ हे।
+
कोय नञ् अप्पन नजर आबऽ हे
घिर गेल चहूँओर काली रे बदरिया।
+
घिर गेल चहूँओर काली रे बदरिया
हमरा नजर न´् फजर आबऽ हे।। केकरा ....
+
हमरा नजर नञ् फजर आबऽ हे
चहूँओर घुरऽ हे चोर-बेइमनमा।
+
केकरा ....
आय गेलय हाय राम जुल्मी-जमनमा।
+
चहूँओर घुरऽ हे चोर-बेइमनमा
हाय राम चलूँ अब कउने डगरिया।
+
आय गेलय हाय राम जुल्मी-जमनमा
हमरा नजर न´् डगर आबऽ हे।। घिर ....
+
हाय राम चलूँ अब कउने डगरिया
कोय बात करे न´् धरम-ईमान के।
+
हमरा नजर नञ् डगर आबऽ हे
राज आ गेलइ डाकू-शैतान के।
+
घिर ....
चहूँओर लूटमार मच गेल भइया।
+
कोय बात करे नञ् धरम-ईमान के
सगरो नजर अजगर आबऽ हे।। घिर ...
+
राज आ गेलइ डाकू-शैतान के
केकरा सुनाऊँ कोय सुन्नेवाला न´् हे।
+
चहूँओर लूटमार मच गेल भइया
केकरा गुनाऊँ कोय गुन्नेवाला न´् हे।
+
सगरो नजर अजगर आबऽ हे
सब कोय बे-शरम भे गैले भइया।
+
घिर ...
कोय के न´् बतिया असर आबऽ हे।। घिर ...
+
केकरा सुनाऊँ कोय सुन्नेवाला नञ् हे
सिधका डगरिया के कोय न´् रहिया।
+
केकरा गुनाऊँ कोय गुन्नेवाला नञ् हे
कोय न´् अप्पन देसवा के सिपहइया।
+
सब कोय बे-शरम भे गैले भइया
केक्कर हँथवा में बागडोर दी हम।
+
कोय के नञ् बतिया असर आबऽ हे
कोय न´् नजर अकबर आबऽ हे।। घिर ...
+
घिर ...
 +
सिधका डगरिया के कोय नञ् रहिया
 +
कोय नञ् अप्पन देसवा के सिपहइया
 +
केक्कर हँथवा में बागडोर दी हम
 +
कोय नञ् नजर अकबर आबऽ हे
 +
घिर ...
  
 
</poem>
 
</poem>

14:04, 13 मार्च 2019 के समय का अवतरण

केकरा कही हम अप्पन हो भइया
कोय नञ् अप्पन नजर आबऽ हे
घिर गेल चहूँओर काली रे बदरिया
हमरा नजर नञ् फजर आबऽ हे
केकरा ....
चहूँओर घुरऽ हे चोर-बेइमनमा
आय गेलय हाय राम जुल्मी-जमनमा
हाय राम चलूँ अब कउने डगरिया
हमरा नजर नञ् डगर आबऽ हे
घिर ....
कोय बात करे नञ् धरम-ईमान के
राज आ गेलइ डाकू-शैतान के
चहूँओर लूटमार मच गेल भइया
सगरो नजर अजगर आबऽ हे
घिर ...
केकरा सुनाऊँ कोय सुन्नेवाला नञ् हे
केकरा गुनाऊँ कोय गुन्नेवाला नञ् हे
सब कोय बे-शरम भे गैले भइया
कोय के नञ् बतिया असर आबऽ हे
घिर ...
सिधका डगरिया के कोय नञ् रहिया
कोय नञ् अप्पन देसवा के सिपहइया
केक्कर हँथवा में बागडोर दी हम
कोय नञ् नजर अकबर आबऽ हे
घिर ...