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"चंदावती / बोली बानी / जगदीश पीयूष" के अवतरणों में अंतर

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हो चंदावती
 
हो चंदावती
  
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07:42, 24 मार्च 2019 के समय का अवतरण

चंदावती
हो चंदावती
धुकुर-धुकुर होय लाग जियरा हमार
ओ चंदावती

जामुन औ आम सबै अबकी बौरान हैं
गाँव की बिटेवा सब हुइ गयी जवान हैं
कामे मा लागै ना जियरा हमार
हो चंदावती

जब ते तुम रूठी हम रहि गयेन अकेले
हमरे जिउ के खातिर हैं बड़े झमेले
रोजु राह द्याखति है जियरा हमार
हो चंदावती

अब तौ घर आय जाव दउआ बीमार हैं
मानौ बसि दुइ दिन के अब उइ मेहमान हैं
छिनु-छिनु पै भागै रे जियरा हमार
हो चंदावती