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"सावन के सहनइया / मगही" के अवतरणों में अंतर
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सावन के सहनइया भदोइया के किचकिच हे, | सावन के सहनइया भदोइया के किचकिच हे, | ||
− | सुगा-सुगइया के पेट, वेदन कोई न | + | सुगा-सुगइया के पेट, वेदन कोई न जानय हे। |
− | सुगा-सुगइया के पेट, कोइली दुःख | + | सुगा-सुगइया के पेट, कोइली दुःख जानय हे, |
एतना वचन जब सुनलन, सुनहूँ न पयलन हे। | एतना वचन जब सुनलन, सुनहूँ न पयलन हे। | ||
14:14, 31 अगस्त 2009 के समय का अवतरण
♦ रचनाकार: अज्ञात
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सावन के सहनइया भदोइया के किचकिच हे,
सुगा-सुगइया के पेट, वेदन कोई न जानय हे।
सुगा-सुगइया के पेट, कोइली दुःख जानय हे,
एतना वचन जब सुनलन, सुनहूँ न पयलन हे।
पकी दिहले हथवा कुदारी बबूर तर हे,
डाँड़ मोरा फाटहे करइलो जाके, ओटियो चिल्हकि मारे हे।
राजा का कहूँ दिलवा के बात, धरती अन्हार लागे हे।