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{{KKRachna
|रचनाकार=इब्ने इंशा
}}[[Category:ग़ज़ल]]
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देख हमारे माथे पर ये दश्त-ए-तलब की धूल मियां
दश्त-ए-तलब: इच्छा का जंगल, मामूल: दिनचर्या, नाका: चुंगी, महसूल: चुंगी पर वसूला जाने वाला टैक्स.
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