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"दिल का कचरा / हिमानी" के अवतरणों में अंतर
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− | + | बगावती ख्याल | |
− | + | खाली से इस दिल में | |
− | + | कितना कचरा भरा है | |
− | + | हकीकी से रुबरु | |
− | + | हुक्म की तामील करता | |
− | + | हदों में रहता हर शख्स | |
− | + | इस कचरे से दूर | |
− | + | कितना साफ सुथरा दिखता है | |
− | + | आदतों में शुमार अदब | |
− | + | तहजीब से लदा | |
− | + | तरकीबों से अलहदा | |
− | + | ये हुस्न मुझे मगर | |
− | + | नागंवार लगता है | |
− | + | अब चाहती हूं इस जिस्म में भी नूर हो | |
− | + | शर्मों हया की इस चाशनी में | |
− | + | शरारत का तड़का | |
− | + | तवे सी रोटी के सुरूर में | |
− | + | तंदूरी नान सा गुरूर हो | |
− | + | दिल में थोड़ा कचरा होना भी | |
− | + | जीने के लिए जरूरी है। | |
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19:34, 23 मई 2020 के समय का अवतरण
बेशर्म ख्वाब
बेअदब ख्वाहिशें
बगावती ख्याल
खाली से इस दिल में
कितना कचरा भरा है
हकीकी से रुबरु
हुक्म की तामील करता
हदों में रहता हर शख्स
इस कचरे से दूर
कितना साफ सुथरा दिखता है
आदतों में शुमार अदब
तहजीब से लदा
तरकीबों से अलहदा
ये हुस्न मुझे मगर
नागंवार लगता है
अब चाहती हूं इस जिस्म में भी नूर हो
शर्मों हया की इस चाशनी में
शरारत का तड़का
तवे सी रोटी के सुरूर में
तंदूरी नान सा गुरूर हो
दिल में थोड़ा कचरा होना भी
जीने के लिए जरूरी है।