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कोई दोष नहीं दिया जा सकता
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अपनी ही चुनी हुई सरकार को
  
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सरकार के पास
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धर्म होता है अध्यात्म नहीं
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पुस्तकें होती हैं ज्ञान नहीं
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शब्द होते हैं भाव नहीं
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योजनाएँ होती हैं प्रतिबध्दता नहीं
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शरीर होता है आत्मा नहीं
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मुखौटे होते हैं चेहरा नहीं
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बस, मौत के आँकडे होते हैं
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सरकार के पास<br />
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धर्म होता है अध्यात्म नहीं<br />
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कुछ भी नहीं होता
पुस्तकें होती हैं ज्ञान नहीं<br />
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सरकार के पास !
शब्द होते हैं भाव नहीं<br />
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मैं तो
कुछ भी नहीं होता<br />
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बस झुंझलाना, ग़ुस्सा करना
सरकार के पास !<br />
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और चीख़ना जानता हूं
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मुझसे मत पूछो
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मेरी उपलब्धियों के बारे में
  
मैं तो<br />
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बस झुंझलाना, ग़ुस्सा करना<br />
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मंत्री, अभिनेता
और चीख़ना जानता हूं<br />
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या क्रिकेट स्टार नहीं
मुझसे मत पूछो<br />
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मुझे इक़रार है
मेरी उपलब्धियों के बारे में<br />
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मैंने कोई शोध नहीं किया
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कोई मिसाइल, कोई बम
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मंत्री, अभिनेता<br />
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देखा है मैंने
या क्रिकेट स्टार नहीं<br />
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एक सहमी हुई औरत से छीनकर
मुझे इक़रार है<br />
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साल भर के बच्चे को
मैंने कोई शोध नहीं किया<br />
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आग में झोंके जाते हुए
मुझे विश्वास है<br />
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लेकिन
कोई मिसाइल, कोई बम<br />
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दूसरे तमाशबीनों की तरह
नहीं बनाया मैंने<br />
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सो नहीं गया मैं चुपचाप
यहां तक कि<br />
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अपनी अन्तरात्मा का तकिया बनाकर
किसी प्रकाशक ने नहीं छापी<br />
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बल्कि चीख़ता रहा
मेरी कोई किताब भी<br />
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चीख़ता रहा
  
हां !<br />
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अगर
देखा है मैंने<br />
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तुम जाग रहे हो
एक सहमी हुई औरत से छीनकर<br />
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तो मेरी चीख़ ही
साल भर के बच्चे को<br />
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मेरी सबसे बड़ी उपलब्धि है !
आग में झोंके जाते हुए<br />
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लेकिन<br />
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दूसरे तमाशबीनों की तरह<br />
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सो नहीं गया मैं चुपचाप<br />
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अपनी अन्तरात्मा का तकिया बनाकर<br />
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बल्कि चीख़ता रहा<br />
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तुम जाग रहे हो<br />
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तो मेरी चीख़ ही<br />
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मेरी सबसे बड़ी उपलब्धि है !<br />
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16:04, 16 अगस्त 2009 का अवतरण

कोई दोष नहीं दिया जा सकता
अपनी ही चुनी हुई सरकार को

सरकार के पास
धर्म होता है अध्यात्म नहीं
पुस्तकें होती हैं ज्ञान नहीं
शब्द होते हैं भाव नहीं
योजनाएँ होती हैं प्रतिबध्दता नहीं
शरीर होता है आत्मा नहीं
मुखौटे होते हैं चेहरा नहीं
आँखें होती हैं आँसू नहीं
बस, मौत के आँकडे होते हैं
मौत की भयावहता नहीं

सब कुछ होते हुए
कुछ भी नहीं होता
सरकार के पास !

मैं तो
बस झुंझलाना, ग़ुस्सा करना
और चीख़ना जानता हूं
मुझसे मत पूछो
मेरी उपलब्धियों के बारे में

मैं
मंत्री, अभिनेता
या क्रिकेट स्टार नहीं
मुझे इक़रार है
मैंने कोई शोध नहीं किया
मुझे विश्वास है
कोई मिसाइल, कोई बम
नहीं बनाया मैंने
यहां तक कि
किसी प्रकाशक ने नहीं छापी
मेरी कोई किताब भी

हां !
देखा है मैंने
एक सहमी हुई औरत से छीनकर
साल भर के बच्चे को
आग में झोंके जाते हुए
लेकिन
दूसरे तमाशबीनों की तरह
सो नहीं गया मैं चुपचाप
अपनी अन्तरात्मा का तकिया बनाकर
बल्कि चीख़ता रहा
चीख़ता रहा

अगर
तुम जाग रहे हो
तो मेरी चीख़ ही
मेरी सबसे बड़ी उपलब्धि है !