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"रिलीफ़ कैम्प में दीवाली / नोमान शौक़" के अवतरणों में अंतर
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ये सितारों का लिबास<br /> | ये सितारों का लिबास<br /> | ||
− | जगमगाते शहर की | + | जगमगाते शहर की ऊँची प्राचीरें<br /> |
क़ुमक़ुमों से भर गई हैं<br /> | क़ुमक़ुमों से भर गई हैं<br /> | ||
रौशनी ही रौशनी है हर तरफ़<br /> | रौशनी ही रौशनी है हर तरफ़<br /> | ||
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− | + | यहाँ कितने युगों से <br /> | |
− | बस | + | बस धुआँ है<br /> |
− | गहरा मटियाला | + | गहरा मटियाला धुआँ<br /> |
जल रहा है कुछ<br /> | जल रहा है कुछ<br /> | ||
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कलियों से भी कोमल है शायद<br /> | कलियों से भी कोमल है शायद<br /> | ||
जल रहा है<br /> | जल रहा है<br /> | ||
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00:02, 15 सितम्बर 2008 के समय का अवतरण
कसमसाती शाम के खिलते बदन पर
ये सितारों का लिबास
जगमगाते शहर की ऊँची प्राचीरें
क़ुमक़ुमों से भर गई हैं
रौशनी ही रौशनी है हर तरफ़
तुम हो जहाँ
यहाँ कितने युगों से
बस धुआँ है
गहरा मटियाला धुआँ
जल रहा है कुछ
जो सपनों से ज्यादा क़ीमती
रंगों से दिलकश है
जो अपनों से भी अपना
सुरों से भी ज्यादा भाने वाला
उम्मीदों से ज्यादा दिलफ़ज़ा
कलियों से भी कोमल है शायद
जल रहा है
मैं जहाँ हूँ ...