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"संवाद / कुमुद बंसल" के अवतरणों में अंतर

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वृक्षों से संवाद कितना सरल !
 
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खिड़की से हाथ बाहर निकालकर
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नारियल की टहनी से कहा-
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" मेरे पास आओ,
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तुमसे बात करना चाहती हूँ ।"
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टहनी ने हाथ बढ़ाया।
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संवाद स्थापित हुआ।
  
 
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12:31, 18 जनवरी 2021 के समय का अवतरण

1
वृक्षों से संवाद कितना सरल !
बरसात की बूँदों धुला हर गरल !
 खिड़की से हाथ बाहर निकालकर
 नारियल की टहनी से कहा-
 " मेरे पास आओ,
अपना हाथ बढ़ाओ
तुमसे बात करना चाहती हूँ ।"
 टहनी ने हाथ बढ़ाया।
 संवाद स्थापित हुआ।