"विटामिन ज़िन्दगी पुरस्कार" के अवतरणों में अंतर
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[[साहित्य में विकलांगता विमर्श]] को नियमित करने की दिशा में "विटामिन ज़िन्दगी पुरस्कार" की शुरुआत कविता कोश संस्थापक [https://lalitkumar.in/ श्री ललित कुमार 'सम्यक ललित'] द्वारा की गई है। '''ईवारा फ़ाउण्डेशन''' और कविता कोश द्वारा यह पुरस्कार हर तीन महीने में एक कहानी और एक काव्य रचना को दिया जाएगा। पहले पुरस्कार की घोषणा 15 अप्रैल 2021 को की जाएगी। पहले पुरस्कार में विजेता कहानी को 11,000 रुपए और विजेता काव्य रचना को 5,100 रुपए का पुरस्कार दिया जाएगा। अगले तीन पुरस्कारों की पुरस्कार राशि में बदलाव हो सकता है। इसके बाद वर्ष 2022 से इस पुरस्कार को वार्षिक कर दिये जाने की योजना है। | [[साहित्य में विकलांगता विमर्श]] को नियमित करने की दिशा में "विटामिन ज़िन्दगी पुरस्कार" की शुरुआत कविता कोश संस्थापक [https://lalitkumar.in/ श्री ललित कुमार 'सम्यक ललित'] द्वारा की गई है। '''ईवारा फ़ाउण्डेशन''' और कविता कोश द्वारा यह पुरस्कार हर तीन महीने में एक कहानी और एक काव्य रचना को दिया जाएगा। पहले पुरस्कार की घोषणा 15 अप्रैल 2021 को की जाएगी। पहले पुरस्कार में विजेता कहानी को 11,000 रुपए और विजेता काव्य रचना को 5,100 रुपए का पुरस्कार दिया जाएगा। अगले तीन पुरस्कारों की पुरस्कार राशि में बदलाव हो सकता है। इसके बाद वर्ष 2022 से इस पुरस्कार को वार्षिक कर दिये जाने की योजना है। | ||
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1) रचनाओं का केन्द्र-बिंदु विकलांगता होना चाहिए। साहित्यकारों से अपेक्षा है कि वे विकलांगजन की समस्याओं, उनकी मनोदशा, समाज में उनकी स्थिति आदि आयामों को महसूस कर साहित्य-रचना करेंगे। | 1) रचनाओं का केन्द्र-बिंदु विकलांगता होना चाहिए। साहित्यकारों से अपेक्षा है कि वे विकलांगजन की समस्याओं, उनकी मनोदशा, समाज में उनकी स्थिति आदि आयामों को महसूस कर साहित्य-रचना करेंगे। |
07:55, 27 फ़रवरी 2021 का अवतरण
साहित्य में विकलांगता विमर्श को नियमित करने की दिशा में "विटामिन ज़िन्दगी पुरस्कार" की शुरुआत कविता कोश संस्थापक श्री ललित कुमार 'सम्यक ललित' द्वारा की गई है। ईवारा फ़ाउण्डेशन और कविता कोश द्वारा यह पुरस्कार हर तीन महीने में एक कहानी और एक काव्य रचना को दिया जाएगा। पहले पुरस्कार की घोषणा 15 अप्रैल 2021 को की जाएगी। पहले पुरस्कार में विजेता कहानी को 11,000 रुपए और विजेता काव्य रचना को 5,100 रुपए का पुरस्कार दिया जाएगा। अगले तीन पुरस्कारों की पुरस्कार राशि में बदलाव हो सकता है। इसके बाद वर्ष 2022 से इस पुरस्कार को वार्षिक कर दिये जाने की योजना है।
1) रचनाओं का केन्द्र-बिंदु विकलांगता होना चाहिए। साहित्यकारों से अपेक्षा है कि वे विकलांगजन की समस्याओं, उनकी मनोदशा, समाज में उनकी स्थिति आदि आयामों को महसूस कर साहित्य-रचना करेंगे।
2) कहानी कम-से-कम 2,000 शब्दों में हों और काव्य रचना किसी भी पद्य विधा (यथा गीत, नवगीत, ग़ज़ल, नज़्म, कविता इत्यादि) में हो सकती है। रचनाएँ vitaminzindagi@gmail.com पर यूनिकोड में टाइप करके भेजी जा सकती हैं। ईमेल में अपना पूरा परिचय और सम्पर्क सूत्र भी दें।
3) केवल मौलिक और अप्रकाशित रचनाएँ ही स्वीकार की जाएँगी। रचनाएँ पूर्व में कहीं भी किसी भी प्रारूप में प्रकाशित नहीं होनी चाहिए।
4) एक रचनाकार कितनी भी स्वलिखित, मौलिक व अप्रकाशित रचनाएँ भेज सकता है लेकिन एक बार भेजी जा चुकी रचना को भविष्य में फिर से इस पुरस्कार के लिए नहीं भेजा जा सकेगा। चुनी गई रचनाओं का एक संकलन भी कविता कोश के सहयोगी प्रकाशन श्वेतवर्णा द्वारा पुस्तक-रूप में प्रकाशित किया जाएगा।
5) पुरस्कार की प्रस्तुति और कार्यान्वयन ईवारा फ़ाउण्डेशन और कविता कोश द्वारा होगा। विजेता रचनाओं का चयन हर बार एक अलग निर्णायक मंडल करेगा...
6) निर्णायक मंडल के मानकों पर यदि कोई भी रचना खरी नहीं उतरती है तो ऐसे में यह पुरस्कार किसी भी रचना को नहीं दिया जाएगा और पुरस्कार राशि से ईवारा फ़ाउण्डेशन द्वारा किसी विकलांगजन को सहायता उपलब्ध करा दी जाएगी।
आशा है कि यह पुरस्कार साहित्यकारों को विकलांगता-केन्द्रित रचनाएँ रचने के लिए प्रेरित करेगा। 31 मार्च 2021 तक आप अपनी रचनाएँ प्रथम "विटामिन ज़िन्दगी पुरस्कार" हेतु भेज सकते हैं।