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+ | * [[गहन शोक के बाद आ बसती है एक यथारीति अनुभूति / एमिली डिकिंसन / सुधा तिवारी]] | ||
+ | * [[मैं सम्भावना में जीती हूँ / एमिली डिकिंसन / सुधा तिवारी]] | ||
+ | * [[क्योंकि मैं रुक न सकी मृत्यु के लिए / एमिली डिकिंसन / सुधा तिवारी]] |
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एमिली डिकिंसन
जन्म | 10 दिसम्बर 1830 |
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निधन | 15 मई 1886 |
जन्म स्थान | एमहर्स्ट, मासाचुसेट्स, संयुक्त राज्य अमेरिका |
कुछ प्रमुख कृतियाँ | |
एमिली डिकिंसन की कविताएँ (1890, मरणोपरांत)। उनकी ये सभी (1775) कविताएँ उनकी बहन लेवेनिया डिकिंसन के प्रयासों से प्रकाशित हुईं। | |
विविध | |
एमिली डिकिंसन के अनुसार उनकी कविताएँ "विश्व के नाम गुप्त पत्र" हैं जिन्हें उन्होंने लगभग साठ पैकेटस में डोरे से बाँधकर रख छोड़ा था। बचपन, जीवन, प्रेम, प्रकृति, धर्म, ईश्वर, अध्यात्म, अनश्वरता और मृत्यु जैसे विषयों पर लिखी उनकी कुल जमा १७७५ कविताओं में शृंगार भी है,रहस्य भी; गंभीरता है और सरलता भी; वैचारिकता है तो कोमलता भी; आत्मविश्लेशण है, आत्मनिरीक्षण भी; मृत्यु का पूर्वाभास है और मुक्ति की छटपटाहट भी; जिजीविषा है तो स्वर्ग का सपना भी। विराम-चिन्हों का उपयोग वे अपने तरीके से करती थीं, डैश(-)का प्रयोग वे अपने कथ्य में वज़न और लय पैदा करने के लिये करती थीं, अनुवाद में प्रयुक्त सभी चिन्ह मूल कविताओं के अनुरूप हैं। | |
जीवन परिचय | |
एमिली डिकिंसन / परिचय |
विषय सूची
क्रांति कनाटे द्वारा अनूदित
- एमिली डिकिंसन की कविताएँ / एमिली डिकिंसन (कविता-संग्रह)
सोनाली मिश्र द्वारा अनूदित
शिव किशोर तिवारी द्वारा अनूदित
अनिल जनविजय द्वारा अनूदित
मनोज पटेल द्वारा अनूदित
- तुम बुझा नहीं सकते हो आग को / एमिली डिकिंसन
- याद जब डबाडब हो / एमिली डिकिंसन
- शब्द / एमिली डिकिंसन
- बहुत सतर्क होने की जरूरत होती है शल्य चिकित्सकों को / एमिली डिकिंसन
- ऐ दिल, चलो हम भूल जाएँ उसे / एमिली डिकिंसन
आशुतोष द्वारा अनूदित
सुधा तिवारी द्वारा अनूदित
- शोहरत एक मधुमक्खी है / एमिली डिकिंसन / सुधा तिवारी
- ’आशा’ पंखों वाली चीज़ है / एमिली डिकिंसन / सुधा तिवारी
- गहन शोक के बाद आ बसती है एक यथारीति अनुभूति / एमिली डिकिंसन / सुधा तिवारी
- मैं सम्भावना में जीती हूँ / एमिली डिकिंसन / सुधा तिवारी
- क्योंकि मैं रुक न सकी मृत्यु के लिए / एमिली डिकिंसन / सुधा तिवारी