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'''भावय : कोंकण के पोंभुर्ला गाँव के ग्राम देवता हैं भगवान शिव, जिनका मन्दिर 'स्थानेश्वर' कहलाता है। बरसात के मौसम में किसी एक दिन जब जमकर वर्षा हो रही हो. सारे ग्रामवासी इस मन्दिर के सामने खुली जगह में एकत्र होते हैं। यह जगह लाल मिट्टी के कारण लाल कीचड़ से भरी होती है। वैसे तो इस गाँव में छुआछूत की प्रथा काफ़ी प्रचलित है, परन्तु इस दिन सारा भेदभाव भूलकर सारे ग्रामवासी मिलकर इस लाल कीचड़ में पारम्परिक खेल और नृत्य का आनन्द उठाते हैं। सब लोग एक-दूसरे का हाथ पकड़ कर, कन्धे से कन्धा मिलाकर खूब नाचते हैं। इसी उत्सव को 'भावय' कहा जाता है। विशेष बात यह है कि 'भावय केवल इसी गाँव में प्रचलित है, कोंकण प्रदेश के अन्य गाँवों में नहीं।'''
खत्म काम है; उमड़े गाने
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