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भूख पहले है कि है भगवान पहले
सोचकर बतलाइए श्रीमान पहले
पूज सकते पत्थरों को भी हैं लेकिन
पेट पूजा का जुरे सामान पहले
 
बाद में हिंदू, मुसलमां, सिख , ईसाई
दोस्तो हम लोग हैं इन्सान पहले
 
कौन दुनिया में धनी उससे ज़ियादा
ढूंढता हर शै में जो ईमान पहले
 
खूं से जब लथपथ धरा हो , सोचना तब
ज्ञान पहले है कि है विज्ञान पहले
 
हौसला भी है , जुनूं भी, जोश भी है
पर, गुज़र जाने दो यह तूफ़ान पहले
 
रंक हो, राजा हो , बच्चा हो या बूढ़ा
चाहता हर कोई है सम्मान पहले
 
जान भी मेरी चली जाए तो क्या है
हो सुरक्षित मेरा हिन्दुस्तान पहले
</poem>
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