भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"ग़ज़ल संचयन / डी. एम. मिश्र" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
पंक्ति 17: पंक्ति 17:
 
* [[प्राणों में ताप भर दे वो राग लिख रहा हूँ  / डी. एम. मिश्र]]
 
* [[प्राणों में ताप भर दे वो राग लिख रहा हूँ  / डी. एम. मिश्र]]
 
* [[आइने में खरोचें न दो इस क़दर / डी. एम. मिश्र ]]
 
* [[आइने में खरोचें न दो इस क़दर / डी. एम. मिश्र ]]
* [[तमाशा देखना हो तो ज़माना दौड़ आता है / डी. एम. मिश्र]]
+
* [[तमाशा देखना हो तो ज़माना दौड़ आता है / डी . एम. मिश्र]]
 
* [[सत्ता की कामयाबियों में देखिये उसे / डी. एम. मिश्र]]
 
* [[सत्ता की कामयाबियों में देखिये उसे / डी. एम. मिश्र]]
 
* [[बुझे न प्यास तो फिर सामने नदी क्यों है  / डी. एम. मिश्र]]
 
* [[बुझे न प्यास तो फिर सामने नदी क्यों है  / डी. एम. मिश्र]]
 
* [[भेदे जो बड़े लक्ष्य को वो तीर कहाँ है / डी. एम. मिश्र]]
 
* [[भेदे जो बड़े लक्ष्य को वो तीर कहाँ है / डी. एम. मिश्र]]
* [[अमीरी है तो फिर क्या है हर इक मौसम सुहाना है / डी. एम. मिश्र]]
+
* [[अमीरी है तो फिर क्या है हर इक मौसम सुहाना है / डी. एम मिश्र]]
 
* [[रोज़ किसी की शील टूटती पुरूषोत्तम के कमरे में / डी. एम. मिश्र ]]
 
* [[रोज़ किसी की शील टूटती पुरूषोत्तम के कमरे में / डी. एम. मिश्र ]]
 
* [[नम मिट्टी पत्थर हो जाये ऐसा कभी न हो / डी. एम. मिश्र ]]
 
* [[नम मिट्टी पत्थर हो जाये ऐसा कभी न हो / डी. एम. मिश्र ]]

21:50, 16 मई 2023 का अवतरण

डी. एम. मिश्र : ग़ज़ल संचयन
Gazalsanchayan.jpg
रचनाकार डी. एम. मिश्र
प्रकाशक शिल्पायन पब्लिशर्स एण्ड डिस्ट्रीब्यूटर्स, 10295, लेन नं 01, वैस्ट गोरखपार्क, शाहदरा, दिल्ली -110032
वर्ष प्रथम संस्करण 2023
भाषा हिंदी
विषय रचना संग्रह
विधा ग़ज़ल
पृष्ठ 184
ISBN 978-93-92195-08-2
विविध
इस पन्ने पर दी गई रचनाओं को विश्व भर के स्वयंसेवी योगदानकर्ताओं ने भिन्न-भिन्न स्रोतों का प्रयोग कर कविता कोश में संकलित किया है। ऊपर दी गई प्रकाशक संबंधी जानकारी छपी हुई पुस्तक खरीदने हेतु आपकी सहायता के लिये दी गई है।

रचनाएँ