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"दिग्भ्रमित बयार / इला कुमार" के अवतरणों में अंतर

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'''दिग्भ्रमित बयार
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उस रात  
 
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रचा गया  
 
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दूर से दिख सकने वाले दृश्य की
 
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अनगढ़ कल्पना का द्वार
 
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हवा ठकठकाती रही  
 
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हलकी सी टिकी सांकल की धकेल कर
 
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भीतर घुस आने का साहस
 
भीतर घुस आने का साहस
 
 
वह नहीं जुटा पाई थी  
 
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सिर्फ़ अपने झनकते स्पर्श से
 
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डरती बुझाती रही हमें  
 
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आसपास बिखरे  
 
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सत्यों को स्वीकारने का साहस
 
सत्यों को स्वीकारने का साहस
 
 
उस दिग्भ्रमित बयार में नहीं था
 
उस दिग्भ्रमित बयार में नहीं था
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19:39, 9 नवम्बर 2009 के समय का अवतरण

उस रात
रचा गया
दूर से दिख सकने वाले दृश्य की
अनगढ़ कल्पना का द्वार
हवा ठकठकाती रही
हलकी सी टिकी सांकल की धकेल कर

भीतर घुस आने का साहस
वह नहीं जुटा पाई थी
सिर्फ़ अपने झनकते स्पर्श से
डरती बुझाती रही हमें

आसपास बिखरे
सत्यों को स्वीकारने का साहस
उस दिग्भ्रमित बयार में नहीं था