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बाकी बच गया अण्डा / नागार्जुन

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<Poem>
पाँच पूत भारतमाता के, दुश्मन था खूंखार
 
गोली खाकर एक मर गया,बाकी रह गये चार
चार पूत भारतमाता के, चारों चतुर-प्रवीन
 
देश-निकाला मिला एक को, बाकी रह गये तीन
तीन पूत भारतमाता के, लड़ने लग गये वो
 
अलग हो गया उधर एक, अब बाकी बच गये दो
दो बेटे भारतमाता के, छोड़ पुरानी टेक
 
चिपक गया है एक गद्दी से, बाकी बच गया एक
एक पूत भारतमाता का, कन्धे पर है झन्डा
 
पुलिस पकड कर जेल ले गई, बाकी बच गया अंडा
'''रचनाकाल : 1950
</poem>
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