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विनय प्रजापति 'नज़र'
जन्म | 20 अगस्त, 1981 |
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उपनाम | नज़र, वफ़ा, फ़लाना |
जन्म स्थान | लखनऊ, उत्तर प्रदेश, भारत |
कुछ प्रमुख कृतियाँ | |
विविध | |
जीवन परिचय | |
विनय प्रजापति 'नज़र' / परिचय |
ग़ज़ल
- अभी बाक़ी कुछ अपने ख़्याल रहने दो/ विनय प्रजापति 'नज़र'
- जो होता है भले के लिए होता है/ विनय प्रजापति 'नज़र'
- गर है तो क्यों तेरी बातों में बनावट है/ विनय प्रजापति 'नज़र'
- साँसों में दर्द भरा है/ विनय प्रजापति 'नज़र'
- मन ही मन मुस्कुरा रही है जाड़े की धूप/ विनय प्रजापति 'नज़र'
- नहीं मिटा सकता तो बढ़ा दे दर्द/ विनय प्रजापति 'नज़र'
- फूलों की शोखी़ से तेरी याद जवाँ होती है/ विनय प्रजापति 'नज़र'
- कभी विनय कभी नज़र कभी वफ़ा हूँ मैं/ विनय प्रजापति 'नज़र'
- जो ब-वक़्ते-मर्ग तेरी आरज़ू रहे/ विनय प्रजापति 'नज़र'
- जब कोई आपको हम-सा मिले हमसे बताइएगा/ विनय प्रजापति 'नज़र'
- ख़ताए-इश्क़ की इस दिल को सज़ा दी जाए/ विनय प्रजापति 'नज़र'
- ख़ुदा मुझको बेवफ़ा करे/ विनय प्रजापति 'नज़र'
- जब भी तेरा नाम याद आयेगा/ विनय प्रजापति 'नज़र'
- आदाब तुझे ऐ मेरे वतन लखनऊ/ विनय प्रजापति 'नज़र'
- ज़िन्दगी तेरे साथ से क्या मिला जुज़ तन्हाई के/ विनय प्रजापति 'नज़र'
- जो लोग अच्छे होते हैं दिखते नहीं हैं/ विनय प्रजापति 'नज़र'
- शाख़ों पर लौट आये मौसम कोंपलों के/ विनय प्रजापति 'नज़र'
- देखे जिसे कोई हसरतों से ऐसा तो नहीं हूँ मैं/ विनय प्रजापति 'नज़र'
- दिले-सहरा में यह कैसा सराब है/ विनय प्रजापति 'नज़र'
- दूदे-तन्हाई के उस पार क्या है/ विनय प्रजापति 'नज़र'
नज़्म
- एक उदासी परछाईं की तरह/ विनय प्रजापति 'नज़र'
- मैं तुम्हारे कॉलेज अब भी जाता हूँ/ विनय प्रजापति 'नज़र'
- तुम आज ही लौट आओ/ विनय प्रजापति 'नज़र'
- मैं तेरे इश्क़ की छाँव में जल-जलकर/ विनय प्रजापति 'नज़र'
- नज़्म का कोई सिरा मिले/ विनय प्रजापति 'नज़र'
- उल्टे सूरज की आग जम गयी/ विनय प्रजापति 'नज़र'
- लहर इक ‘विनय’/ विनय प्रजापति 'नज़र'
त्रिवेणी
- दिल का जला होता तब रोशनी होती/ विनय प्रजापति 'नज़र'
- तुम दुआ करो अपने प्यार के लिए/ विनय प्रजापति 'नज़र'
- तेरे रेशमी बदन से सरकता है यह दुप्पटा/ विनय प्रजापति 'नज़र'
रूबाई
- आज फिर मुझको खिड़की से/ विनय प्रजापति 'नज़र'
- मतलब से ही जनम लेता है कोई रिश्ता/ विनय प्रजापति 'नज़र'
- हल्के-हल्के आँसू टूटे हैं मेरी आँखों से/ विनय प्रजापति 'नज़र'
- हमारी दोस्ती बहुत गहरी थी/ विनय प्रजापति 'नज़र'
गीत
- ज़िन्दगी प्यार से प्यारी हो गयी है/ विनय प्रजापति 'नज़र'
- न वह कभी आँखों से उतारा ही गया/ विनय प्रजापति 'नज़र'
- वक़्त का पहना उतार आये/ विनय प्रजापति 'नज़र'
- मेरी रूह को तख़लीक़ करके/ विनय प्रजापति 'नज़र'
- साँस रफ़्ता-रफ़्ता पिघल रही है/ विनय प्रजापति 'नज़र'
- रातभर चाँद देखा किये/ विनय प्रजापति 'नज़र'
- भोर पर केसर की सी लालिमा/ विनय प्रजापति 'नज़र'
विज्ञान गल्प