Changes

जीवन को ख़ूबसूरत बनाने के लिए
न हो
रोती रोटी रोटी के लिए हो
खाने के लिए न हो
फ़ौज के लिए फिर युद्ध हो
फ़िलहाल कलस कला शुद्ध बनी तहेरहे
और शुद्ध कला के
पावन प्रभामंडल में