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19:48, 26 जनवरी 2009 का अवतरण
रेखांकित रचनाकार
गोपालदास "नीरज" साहित्य के उज्जवल नक्षत्र है। उनका का नाम सुनते ही सामने एक ऐसा शख्स उभरता है जो स्वयं डूबकर कविताएँ लिखता हैं और पाठक को भी डूबा देने की क्षमता रखता है। जब नीरज मंच पर होते हैं तब उनकी नशीली कविता और लरजती आवाज श्रोता वर्ग को दीवाना बना देती है। |