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"अस्थियाँ / अग्निशेखर" के अवतरणों में अंतर

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ओ पुरातत्त्ववेत्ता भविष्य,
 
ओ पुरातत्त्ववेत्ता भविष्य,

23:35, 31 अक्टूबर 2009 के समय का अवतरण

ओ पुरातत्त्ववेत्ता भविष्य,
जीवित हो उठेंगी तुम्हारे सामने इन जगहों पर
हमारी निष्पाप अस्थियाँ
कहेंगी तुमसे
बहाओ हमें कश्मीर ले जाकर
वितस्ता में

उस वक़्त खुल जाएंगी तुम्हारी आँखें
जैसे खुलते हैं गूढ़ शब्दों के अर्थ कभी
अपने आप
इन जगहों पर
कुछ मायूस घास उगी होगी
एक दूर छूटी याद में सरोबार