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ग्राम्य जीवन / मुकुटधर पांडेय
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08:38, 1 सितम्बर 2006
कपट द्वेष छलहीन यहाँ के रहने वाले चतुर किसान
दिवस
विताते
बिताते
हैं प्रफुलित चित, करते अतिथि द्विजों का मान ।
नूतन मीठे फल बागों से नित खाने को मिलते हैं ।
देने को
फुलेस –सा
फुलेस–सा
सौरभ पुष्प यहाँ नित खिलते हैं।
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पूर्णिमा वर्मन