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18:39, 11 फ़रवरी 2009 का अवतरण
सप्ताह की कविता
शीर्षक:जिसकी हममें कमी है, दोस्तो!
रचनाकार: आंद्री पिअर (स्विस कवि)
जिसकी हममें कमी है, दोस्तो! वह है साहस उस समय बोलने का साहस जब शब्द जल रहे हों; पत्थर को पत्थर कहने का ख़ून को ख़ून और डर को डर एक दिन, जब वह बड़ी बर्फ़ आएगी हहराती हुई तब कठिन होगा ख़ुद को समझ पाना अनुवाद : विष्णु खरे