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"चिड़िया का जन्म / चिराश्री इन्द्रा सिंह" के अवतरणों में अंतर

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जानती हूँ अपनी यह वृथा छटफटाहट
 
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कि ख़त्म हो किस्सा
 
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20:35, 18 फ़रवरी 2009 के समय का अवतरण

जब चिड़िया बताती है
अपने जन्म का अर्थ
सोने की प्याली उसकी चोंच से गिर जाती है।

पिंजरे में मैं
जानती हूँ इसे
जानती हूँ अपनी यह वृथा छटफटाहट
कि ख़त्म हो किस्सा

टूटे, न टूटे
यह लोहे का पिंजरा
हे ईश्वर!
मुझे बार-बार जन्म लेने देना
एक चिड़िया का

तब तक मुझे चिड़िया का जन्म मिले
जब तक तोड़ न लूँ यह लोहे की सलाख़
जो छीनती है मुझसे मेरा आकाश
और मेरा चिड़िया का जन्म।

अनुवाद : राजेन्द्र शर्मा