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"गरज-बरस / निदा फ़ाज़ली" के अवतरणों में अंतर

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गरज-बरस प्यासी धरती पर
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फिर पानी दे मौला
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गरज-बरस प्यासी धरती पर<br>
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दो और दो का जोड़ हमेशा
फिर पानी दे मौला<br>
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चार कहाँ होता है
चिड़ियों को दाने, बच्चों को<br>
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सोच-समझवालों को थोड़ी
गुड़धानी दे मौला<br><br>
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नादानी दे मौला
  
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फिर रौशन कर ज़हर का प्याला
चार कहाँ होता है<br>
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चमका नयी सलीबें
सोच-समझवालों को थोड़ी<br>
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नादानी दे मौला<br><br>
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ताबानी दे मौला
  
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फिर मूरत से बाहर आकर
चमका नयी सलीबें<br>
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चारों ओर बिखर जा
झूठों की दुनिया में सच को<br>
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फिर मन्दिर को को‌ई मीरा
ताबानी दे मौला<br><br>
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दीवानी दे मौला
  
फिर मूरत से बाहर आकर<br>
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तेरे होते को‌ई किसी की
चारों ओर बिखर जा<br>
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जान का दुश्मन क्यों हो
फिर मन्दिर को को‌ई मीरा<br>
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जीनेवालों को मरने की
दीवानी दे मौला<br><br>
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आसानी दे मौला
 
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तेरे होते को‌ई किसी की<br>
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जान का दुश्मन क्यों हो<br>
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जीनेवालों को मरने की<br>
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आसानी दे मौला<br><br>
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19:32, 2 फ़रवरी 2010 के समय का अवतरण

गरज-बरस प्यासी धरती पर
फिर पानी दे मौला
चिड़ियों को दाने, बच्चों को
गुड़धानी दे मौला

दो और दो का जोड़ हमेशा
चार कहाँ होता है
सोच-समझवालों को थोड़ी
नादानी दे मौला

फिर रौशन कर ज़हर का प्याला
चमका नयी सलीबें
झूठों की दुनिया में सच को
ताबानी दे मौला

फिर मूरत से बाहर आकर
चारों ओर बिखर जा
फिर मन्दिर को को‌ई मीरा
दीवानी दे मौला

तेरे होते को‌ई किसी की
जान का दुश्मन क्यों हो
जीनेवालों को मरने की
आसानी दे मौला