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"आत्मा रंजन" के अवतरणों में अंतर

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भागते समय से ताल बिठाना
 
बदलती सदी को कुशलता से फलांगना
 
वह है अनाम घुड़्दौड़ का
 
एक समर्थ घोड़ा
 
तीव्र में तीव्रतर गति
 
टहलने निकलने का उसका ख़्याल
 
अपने आप में सुखद है सांसों के लिए
 
और जीवन के लिए भी
 
नई सदी के पहले पड़ाव पर
 
टहलने निकला है वह
 
स्वत: ही दौड़ते से जा रहे
 
इसके क़दम उसकी अंगुली थामे है
 
एक बच्चा
 
बच्ची होने की संभावनाओ की
 
गर्म हत्याओं के बाद
 
लिया है जिसने  जन्म
 
 
बोलता जा रहा लगातार
 
बड़बड़ाता सा खींचता हुआ उसकी कमीज़ नहीं विक्षिप्त नहीं है बच्चा
 
दरअसल सुनने वाले कानो में चिपका हुआ है मोबाईल
 
और वे मग्न ह अपनी दुनिया में आंखें भी हैं आगे ही आगे
 
बच्चे से कहीं ऊंची खीजता हुआ रू आँसा बच्चा चुप है अब गुमसुम
 
ढीली पड़ती जा रही
 
अंगुली पर उसकी पकड़
 
वह सोच रहा एक और विकल्प
 
पापा के साथ टहलने से तो अच्छा था
 
घर पर बी.डी.ओ. गेम खेलना उसका इस तरह सोचना
 
इस सदी का एक ख़तरनाक हादसा है बहुत ज़रूरी है कि कुछ ऐसा करें
 
कि बना रहे यह अंगुलियों का स्नेहिल स्पर्श
 
और जड़ होती सदी पर
 
यह नन्हीं स्निग्ध पकड़
 
कि बची रहे
 
पकड़ जितनी नर्म ऊष्मा
 
ताके बची रहे यह पृथवी।
 
भागते समय से ताल बिठाना
 
बदलती सदी को कुशलता से फलांगना
 
वह है अनाम घुड़्दौड़ का
 
एक समर्थ घोड़ा
 
तीव्र में तीव्रतर गति
 
टहलने निकलने का उसका ख़्याल
 
अपने आप में सुखद है सांसों के लिए
 
और जीवन के लिए भी
 
नई सदी के पहले पड़ाव पर
 
टहलने निकला है वह
 
स्वत: ही दौड़ते से जा रहे
 
इसके क़दम उसकी अंगुली थामे है
 
एक बच्चा
 
बच्ची होने की संभावनाओ की
 
गर्म हत्याओं के बाद
 
लिया है जिसने  जन्म
 
 
बोलता जा रहा लगातार
 
बड़बड़ाता सा खींचता हुआ उसकी कमीज़ नहीं विक्षिप्त नहीं है बच्चा
 
दरअसल सुनने वाले कानो में चिपका हुआ है मोबाईल
 
और वे मग्न ह अपनी दुनिया में आंखें भी हैं आगे ही आगे
 
बच्चे से कहीं ऊंची खीजता हुआ रू आँसा बच्चा चुप है अब गुमसुम
 
ढीली पड़ती जा रही
 
अंगुली पर उसकी पकड़
 
वह सोच रहा एक और विकल्प
 
पापा के साथ टहलने से तो अच्छा था
 
घर पर बी.डी.ओ. गेम खेलना उसका इस तरह सोचना
 
इस सदी का एक ख़तरनाक हादसा है बहुत ज़रूरी है कि कुछ ऐसा करें
 
कि बना रहे यह अंगुलियों का स्नेहिल स्पर्श
 
और जड़ होती सदी पर
 
यह नन्हीं स्निग्ध पकड़
 
कि बची रहे
 
पकड़ जितनी नर्म ऊष्मा
 
ताके बची रहे यह पृथवी।
 
 
* [[ नई सदी में टहलते हुए / आत्मा राम रंजन]]
 
* [[ नई सदी में टहलते हुए / आत्मा राम रंजन]]
 
* [[ / आत्मा राम रंजन]]
 
* [[ / आत्मा राम रंजन]]

09:31, 1 मार्च 2009 का अवतरण

आत्मा राम रंजन
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जन्म
निधन
उपनाम रंजन
जन्म स्थान हिमाचल प्रदेश
कुछ प्रमुख कृतियाँ
विविध
जीवन परिचय
आत्मा राम रंजन / परिचय
कविता कोश पता
www.kavitakosh.org/{{{shorturl}}}




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