भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"मृत्यु-2 /शुभाशीष चक्रवर्ती" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) (नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=शुभाशीष चक्रवर्ती |संग्रह= }} <Poem> तुम्हारी आवाज़ ...) |
Pratishtha (चर्चा | योगदान) |
||
पंक्ति 3: | पंक्ति 3: | ||
|रचनाकार=शुभाशीष चक्रवर्ती | |रचनाकार=शुभाशीष चक्रवर्ती | ||
|संग्रह= | |संग्रह= | ||
− | }} | + | }}{{KKAnthologyDeath}} |
+ | {{KKCatKavita}} | ||
<Poem> | <Poem> | ||
तुम्हारी आवाज़ मेरी निःशब्द परछाई का | तुम्हारी आवाज़ मेरी निःशब्द परछाई का |
01:47, 6 अप्रैल 2011 के समय का अवतरण
तुम्हारी आवाज़ मेरी निःशब्द परछाई का
बिम्ब है
अभी-अभी शरीर से निकली आत्मा
टिकी है खिड़की के पास
तुम्हारे लौटते ही
वह सरकती है बाहर
देहों के बीच
तुम चीखती हो
वह रुक जाती है
तुम मुझे चूमती हो
वह पास आती है
तुम्हारे गिरते आँसू
मेरे शरीर को छूते हैं
वह भीग जाती है
स्पर्श-आभा में
वह मेरे भीतर
फिर से रिस जाती है
तुम आवाज़ बिखेरती हो
वह सोखती जाती है उसे
चुपचाप पड़े एकान्त में