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(जयशंकर प्रसाद की रचनाएँ)
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रुको न शुर साहसी !
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अराति सैन्य सिंधु में ,सवान्ग्वाग्नी से चलो,
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प्रवीर हो जयी बनो - बढे चलो, बढे चलो !

12:36, 5 नवम्बर 2007 का अवतरण

जयशंकर प्रसाद की रचनाएँ

जयशंकर प्रसाद
Jaishankar Prasad.jpg
जन्म 30 जनवरी 1889
निधन 14 जनवरी 1937
उपनाम
जन्म स्थान वाराणसी, उत्तर प्रदेश, भारत
कुछ प्रमुख कृतियाँ
कामायनी, आँसू, कानन-कुसुम, प्रेम पथिक, झरना, लहर,
विविध
जीवन परिचय
जयशंकर प्रसाद / परिचय
कविता कोश पता
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हिमाद्रि तुंग श्रृंग से

प्रबुद्ध शुद्ध भारती

स्वयंप्रभा समुज्ज्वाला

स्वतंत्रता पुकारती

'अमर्त्य वीर पुत्र हो, दृढ- प्रतिज्ञ सोच लो,

प्रशस्त पुन्य पथ है, बढे चलो, बढे चलो!'

असंख्य कीर्ति-रश्मियाँ

विकीर्ण दिव्य दाह-सी

सपूत मातृभूमि के-

रुको न शुर साहसी !

अराति सैन्य सिंधु में ,सवान्ग्वाग्नी से चलो,

प्रवीर हो जयी बनो - बढे चलो, बढे चलो !