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झुक नहीं सकते / अटल बिहारी वाजपेयी
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12:13, 29 अप्रैल 2008
हिज्जे
किरण अंतिम अस्त होती है<br><br>
दीप निष्ठा का लिये
निष्कम्प
निष्कंप
<br>वज्र टूटे या उठे
भूकम्प
भूकंप
<br>
यह बराबर का नहीं है युद्ध<br>
हम निहत्थे, शत्रु है सन्नद्ध<br>
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Sumitkumar kataria