भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"रात सड़क लैम्प... / अलेक्सान्दर ब्लोक" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) |
|||
पंक्ति 8: | पंक्ति 8: | ||
सड़क | सड़क | ||
लैम्प | लैम्प | ||
− | कैमिस्ट | + | कैमिस्ट की दुकान |
धुंधली और अर्थहीन रोशनी | धुंधली और अर्थहीन रोशनी |
22:33, 20 जून 2010 के समय का अवतरण
|
रात
सड़क
लैम्प
कैमिस्ट की दुकान
धुंधली और अर्थहीन रोशनी
और अगर जिओ तुम
एक चौथाई शताब्दी
तब भी सभी कुछ
होगा ऎसा ही
इससे निकलने का
रास्ता नहीं
मर जाओगे
नए सिरे से फिर से शुरू करोगे
और पुराने जैसा
सब कुछ दोहराओगे
रात
सड़क
लैम्प
कैमिस्ट की दुकान
अंग्रेज़ी से अनुवाद : रमेश कौशिक