भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"बाहर धूप खड़ी है / विज्ञान व्रत" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
हेमंत जोशी (चर्चा | योगदान) |
|||
पंक्ति 29: | पंक्ति 29: | ||
* [[ऐसा भी चौकाना क्या / विज्ञान व्रत]] | * [[ऐसा भी चौकाना क्या / विज्ञान व्रत]] | ||
* [[नीचे बिखरे शीशे मन के / विज्ञान व्रत]] | * [[नीचे बिखरे शीशे मन के / विज्ञान व्रत]] | ||
+ | * [[चुप रहता था क्या करता / विज्ञान व्रत]] | ||
+ | * [[रौशन सारा घर अंदर से / विज्ञान व्रत]] | ||
+ | * [[घर तो इतना आलीशान / विज्ञान व्रत]] | ||
+ | * [[दिल भी वो है धड़कन भी वो / विज्ञान व्रत]] | ||
+ | * [[जुगनू ही दीवाने निकले / विज्ञान व्रत]] | ||
* [[ / विज्ञान व्रत]] | * [[ / विज्ञान व्रत]] | ||
* [[ / विज्ञान व्रत]] | * [[ / विज्ञान व्रत]] | ||
* [[ / विज्ञान व्रत]] | * [[ / विज्ञान व्रत]] |
19:22, 23 अप्रैल 2011 का अवतरण
बाहर धूप खड़ी है
रचनाकार | विज्ञान व्रत |
---|---|
प्रकाशक | |
वर्ष | |
भाषा | हिन्दी |
विषय | कविता |
विधा | |
पृष्ठ | |
ISBN | |
विविध |
इस पन्ने पर दी गई रचनाओं को विश्व भर के स्वयंसेवी योगदानकर्ताओं ने भिन्न-भिन्न स्रोतों का प्रयोग कर कविता कोश में संकलित किया है। ऊपर दी गई प्रकाशक संबंधी जानकारी छपी हुई पुस्तक खरीदने हेतु आपकी सहायता के लिये दी गई है।
- एक ज़रा सी दुनिया घर की / विज्ञान व्रत
- जब तक एक विवाद रहा मैं / विज्ञान व्रत
- आज युधीष्ठर कातर क्यूँ है / विज्ञान व्रत
- कोई रस्ता बेहतर ढूँढो / विज्ञान व्रत
- खुद से आज जिरह कर देखें / विज्ञान व्रत
- सब कुछ एक-बराबर है / विज्ञान व्रत
- छाँव छुपी तहखानों में / विज्ञान व्रत
- जब खामोश रहा करता है / विज्ञान व्रत
- अपना चेहरा ही अपना लूँ / विज्ञान व्रत
- मैं सूरज सा जलता हूँ / विज्ञान व्रत
- ऐसा भी चौकाना क्या / विज्ञान व्रत
- नीचे बिखरे शीशे मन के / विज्ञान व्रत
- चुप रहता था क्या करता / विज्ञान व्रत
- रौशन सारा घर अंदर से / विज्ञान व्रत
- घर तो इतना आलीशान / विज्ञान व्रत
- दिल भी वो है धड़कन भी वो / विज्ञान व्रत
- जुगनू ही दीवाने निकले / विज्ञान व्रत
- / विज्ञान व्रत
- / विज्ञान व्रत
- / विज्ञान व्रत