भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"क़त्‌आ / अली सरदार जाफ़री" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
पंक्ति 4: पंक्ति 4:
 
}}
 
}}
 
<poem>
 
<poem>
 
क़त्‌आ
 
=====
 
 
 
दौरे_मय ख़त्म हुआ, ख़त्म हुई सुह्बते_शब<ref>रात्रि-मिलन</ref>
 
दौरे_मय ख़त्म हुआ, ख़त्म हुई सुह्बते_शब<ref>रात्रि-मिलन</ref>
 
हो चुकी सुब्‌ह मगर रात अभी बाकी़ है
 
हो चुकी सुब्‌ह मगर रात अभी बाकी़ है

21:30, 23 मई 2009 का अवतरण

दौरे_मय ख़त्म हुआ, ख़त्म हुई सुह्बते_शब<ref>रात्रि-मिलन</ref>
हो चुकी सुब्‌ह मगर रात अभी बाकी़ है
ऐसा लगता है कि बिछड़ी है अभी मिलके नज़र
ऐसा लगता है मुलाक़ात अभी बाक़ी है

शब्दार्थ
<references/>