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कुछ क़ाज़ियों के बीच ही / अश्वघोष
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|रचनाकार=अश्वघोष
|संग्रह=जेबों में डर / अश्वघोष
}}
[[Category:गज़ल]]
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<poem>
कुछ क़ाज़ियों के बीच में मुर्ग़ी हलाल है।
बस ये हमारे देश की ज़िन्दा मिसाल है।
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