भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"साँचा:KKPoemOfTheWeek" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
पंक्ति 8: पंक्ति 8:
 
अच्छे कवियों को सब हिदी वाले नकारते  
 
अच्छे कवियों को सब हिदी वाले नकारते  
 
और बुरे कवियों के सौ-सौ गुण बघारते  
 
और बुरे कवियों के सौ-सौ गुण बघारते  
ऎसा क्यों है, ये बताएँ ज़रा, भाई अनिल जी  
+
ऐसा क्यों है, ये बताएँ ज़रा, भाई अनिल जी  
 
अच्छे कवि क्यों नहीं कहलाते हैं सलिल जी  
 
अच्छे कवि क्यों नहीं कहलाते हैं सलिल जी  
  

10:27, 28 मई 2009 का अवतरण

 सप्ताह की कविता

  शीर्षक: हिन्दी कविता का दुःख
  रचनाकार: अनिल जनविजय

अच्छे कवियों को सब हिदी वाले नकारते 
और बुरे कवियों के सौ-सौ गुण बघारते 
ऐसा क्यों है, ये बताएँ ज़रा, भाई अनिल जी 
अच्छे कवि क्यों नहीं कहलाते हैं सलिल जी 

क्यों ले-दे कर छपने वाले कवि बने हैं 
क्यों हरी घास को चरने वाले कवि बने हैं 
परमानन्द और नवल सरीखे हिन्दी के लोचे 
क्यों देश-विदेश में हिन्दी रचना की छवि बने हैं 

क्यों शुक्ला, जोशी, लंठ सरीखे नागर, राठी 
हिन्दी कविता पर बैठे हैं चढ़ा कर काठी 
पूछ रहे अपने ई-पत्र में सुशील कुमार जी 
कब बदलेगी हिन्दी कविता की यह परिपाटी