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"छिपा लो मुझे / रवीन्द्र दास" के अवतरणों में अंतर

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|रचनाकार=रवीन्द्र दास
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लिपट जाओ ऐसे
 
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जैसे लिपट जाती है लताएँ
 
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पेड़ों से
 
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छा जाओ मुझपर
 
छा जाओ मुझपर
 
 
जैसे छा जाता है मेघ आसमान पर
 
जैसे छा जाता है मेघ आसमान पर
 
 
बना लो मुझे अपना
 
बना लो मुझे अपना
 
 
शरबत में मिठास की तरह
 
शरबत में मिठास की तरह
 
 
निचोड़ लो मेरा हर कतरा
 
निचोड़ लो मेरा हर कतरा
 
 
नींबू की तरह  
 
नींबू की तरह  
 
 
निगल जाओ मेरा वजूद  
 
निगल जाओ मेरा वजूद  
 
 
जैसे निगल लेती है मृत्यु  
 
जैसे निगल लेती है मृत्यु  
 
 
उकता गया हूँ  
 
उकता गया हूँ  
 
 
अपने आप से  
 
अपने आप से  
 
 
छिपा लो मुझे कहीं भी  
 
छिपा लो मुझे कहीं भी  
 
 
किसी भी तरह
 
किसी भी तरह
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23:29, 6 जून 2009 के समय का अवतरण

लिपट जाओ ऐसे
जैसे लिपट जाती है लताएँ
पेड़ों से
छा जाओ मुझपर
जैसे छा जाता है मेघ आसमान पर
बना लो मुझे अपना
शरबत में मिठास की तरह
निचोड़ लो मेरा हर कतरा
नींबू की तरह
निगल जाओ मेरा वजूद
जैसे निगल लेती है मृत्यु
उकता गया हूँ
अपने आप से
छिपा लो मुझे कहीं भी
किसी भी तरह