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"सितारा / पाब्लो नेरूदा" के अवतरणों में अंतर

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अरे, मैं कभी वापस नहीं गया
 
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कचोट भी कोई नहीं है अब
 
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वापस न जाने की ।
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और बन्दरगाह को चूमती लहर
 
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उसके जलमार्ग
 
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नमक और जोंक की तरह
 
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मैंने इस ख़ुदमुख़्तार ने
 
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तट के इस टहलुआ ने
 
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सौंप दिया ख़ुद को ।
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ज़ंजीर बांध दी अपने आश्रय से ।
 
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अब कोई आज़ादी नहीं हमारे लिए--
 
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हम जो रहस्य के अंश-मात्र हैं,
 
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कोई रास्ता नहीं बचा
 
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खुदी तक
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खुदी की चट्टान तक लौटने का ।
 
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कोई सितारा बाक़ी नहीं बचा
 
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सागर के सिवा ।
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21:33, 23 दिसम्बर 2014 के समय का अवतरण

मुखपृष्ठ  » रचनाकारों की सूची  » रचनाकार: पाब्लो नेरूदा  » संग्रह: मैं कई बार मर चुका हूंगा
»  सितारा

अरे, मैं कभी वापस नहीं गया
कचोट भी कोई नहीं है अब
वापस न जाने की ।
और बन्दरगाह को चूमती लहर
उसके जलमार्ग
नमक और जोंक की तरह
मैंने इस ख़ुदमुख़्तार ने
तट के इस टहलुआ ने
सौंप दिया ख़ुद को ।
ज़ंजीर बांध दी अपने आश्रय से ।

अब कोई आज़ादी नहीं हमारे लिए--
हम जो रहस्य के अंश-मात्र हैं,
कोई रास्ता नहीं बचा
खुदी तक
खुदी की चट्टान तक लौटने का ।
कोई सितारा बाक़ी नहीं बचा
सागर के सिवा ।