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"लिखो! / गिरधर राठी" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
Pratishtha (चर्चा | योगदान) |
Pratishtha (चर्चा | योगदान) छो (लिखो! / गिरिधर राठी का नाम बदलकर लिखो! / गिरधर राठी कर दिया गया है) |
(कोई अंतर नहीं)
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02:35, 24 जून 2009 के समय का अवतरण
एक ने कहा लिखो भजन सूर-मीरा-से
दूजी ने कहा लिखो प्यानो के लिए गीत-- बाब डिलन,
- प्रेस्ले, बैज जैसे गाते हैं।
तीसरी ने कहा लिखो कुछ जो हम समझ सकें।
चौथे ने कहा लिखो घोषणा-पत्र।
पंचम ने कहा लिखो जंग, आग, इंक़लाब।
कहा कवि त्रिलोचन ने लिखो वाक्य पूरा।