भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"थरथर / मंगलेश डबराल" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
Pratishtha (चर्चा | योगदान) |
|||
पंक्ति 1: | पंक्ति 1: | ||
− | |||
{{KKRachna | {{KKRachna | ||
|रचनाकार=मंगलेश डबराल | |रचनाकार=मंगलेश डबराल | ||
}} | }} | ||
+ | <poem> | ||
अंधकार में से आते संगीत से | अंधकार में से आते संगीत से | ||
पंक्ति 17: | पंक्ति 17: | ||
(रचनाकाल :1976) | (रचनाकाल :1976) | ||
+ | </poem> |
14:29, 20 जून 2020 के समय का अवतरण
अंधकार में से आते संगीत से
थरथर एक रात मैंने देखा
एक हाथ मुझे बुलाता हुआ
एक पैर मेरी ओर आता हुआ
एक चेहरा मुझे सहता हुआ
एक शरीर मुझमें बहता हुआ
(रचनाकाल :1976)