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"गणितीय चतुराई / कार्ल मार्क्स" के अवतरणों में अंतर

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'''रचनाकाल : 1837'''
 
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13:36, 25 जुलाई 2009 के समय का अवतरण

घटा लिया है हमने
हर चीज़ को चिन्हों में
और तर्क करते यों पेश
जैसे सूत्र गणित के भिन्नों में

ईश्वर अगर बिन्दु है
तो लम्ब के समान गुज़र नहीं सकता वह
जैसे आप खड़े नहीं हो सकते सिर के बल
बैठे चूतड़ों पर।



रचनाकाल : 1837