भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"बड़े मुस्कुराए / प्रेम भारद्वाज" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
प्रकाश बादल (चर्चा | योगदान) (नया पृष्ठ: <poem> बड़े मुस्कुराए कई ग़म छुपाए न जब हाल पूछा न सपने सुनाए न शिकवा ...) |
प्रकाश बादल (चर्चा | योगदान) |
||
पंक्ति 1: | पंक्ति 1: | ||
+ | {{KKGlobal}} | ||
+ | {{KKRachna | ||
+ | |रचनाकार=प्रेम भारद्वाज | ||
+ | |संग्रह= मौसम मौसम / प्रेम भारद्वाज | ||
+ | }} | ||
+ | [[Category:ग़ज़ल]] | ||
<poem> | <poem> | ||
बड़े मुस्कुराए | बड़े मुस्कुराए |
07:17, 5 अगस्त 2009 के समय का अवतरण
बड़े मुस्कुराए
कई ग़म छुपाए
न जब हाल पूछा
न सपने सुनाए
न शिकवा किसी से
न पीड़ा न हाए
जो तैराक डूबे
उसे क्या बचाए
जमेगी भी महफिल
ज़रा प्रेम छाए