भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"सुबह के इन्तज़ार में / हरिराम मीणा" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) |
अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) |
||
पंक्ति 61: | पंक्ति 61: | ||
* [[अतिक्रमण / हरिराम मीणा]] | * [[अतिक्रमण / हरिराम मीणा]] | ||
* [[पूर्णिमा की रात और वह आदमी / हरिराम मीणा]] | * [[पूर्णिमा की रात और वह आदमी / हरिराम मीणा]] | ||
− | * [[सुबह के इन्तज़ार में / हरिराम मीणा]] | + | * [[सुबह के इन्तज़ार में. / हरिराम मीणा]] |
+ | <sort> |
09:36, 2 अगस्त 2009 का अवतरण
सुबह के इन्तज़ार में
रचनाकार | हरिराम मीणा |
---|---|
प्रकाशक | शिल्पायन, दिल्ली |
वर्ष | 2006 |
भाषा | हिन्दी |
विषय | कविताएँ |
विधा | |
पृष्ठ | 112 |
ISBN | |
विविध |
इस पन्ने पर दी गई रचनाओं को विश्व भर के स्वयंसेवी योगदानकर्ताओं ने भिन्न-भिन्न स्रोतों का प्रयोग कर कविता कोश में संकलित किया है। ऊपर दी गई प्रकाशक संबंधी जानकारी छपी हुई पुस्तक खरीदने हेतु आपकी सहायता के लिये दी गई है।
<sort order="asc" class="ul">
- बिरसा मुंडा की याद में... / हरिराम मीणा
- सरदार सरोवर में डूबा आदिवासी भविष्य / हरिराम मीणा
- आदिवासी लड़की / हरिराम मीणा
- ’रास आईलैंड’ के खण्डहरों में / हरिराम मीणा
- जारवा आदिवासी को स्वप्न में देखकर / हरिराम मीणा
- कबीले से बिछुड़ी ’जारवा’ औरत / हरिराम मीणा
- सभ्यता के साथ टूटती आस्थाएँ / हरिराम मीणा
- खत्म होती हुई एक नस्ल / हरिराम मीणा
- संक्रान्तिकालीन अंडमानी आदिवासी मनोदशा / हरिराम मीणा
- अंडमानी आदिवासियों को बेदखल होते देखकर / हरिराम मीणा
- ’सेंटेनली’ जनजाति के बारे में / हरिराम मीणा
- सरदार बख़्तावर सिंह से मिलकर / हरिराम मीणा
- अंडमानी आदिवासियों को सभ्य बनाने की सलाह (?) / हरिराम मीणा
- सभ्यता के विस्तार के नाम पर हादसा / हरिराम मीणा
- ’ओंग’ जनजाति में अन्तिम संस्कार / हरिराम मीणा
- ’जारवा’ जोड़े से पोर्टब्लेयर अस्पताल में मिलकर / हरिराम मीणा
- ’लट’ प्रजाति में तब्दील होता इन्सान / हरिराम मीणा
- जल्दी करो / हरिराम मीणा
- इस महान् देश के लिए हल्की-सी सम्वेदना / हरिराम मीणा
- दुख की महिमा / हरिराम मीणा
- समय / हरिराम मीणा
- दुनिया यूँ नहीं बदलती / हरिराम मीणा
- अमूर्तन का तिलिस्म / हरिराम मीणा
- आइसक्रीम का दंश / हरिराम मीणा
- वह जो दिख रहा है साफ़-साफ़ / हरिराम मीणा
- ठीक नहीं, यूँ ही वक्तव्य दे देना / हरिराम मीणा
- पसीने के सुर्ख़ रंग / हरिराम मीणा
- सड़क-मज़ूरों को देखकर / हरिराम मीणा
- पेट की आग / हरिराम मीणा
- वक़्त का इन्तज़ार-1 / हरिराम मीणा
- वक़्त का इन्तज़ार-2 / हरिराम मीणा
- राजस्थान में भीषण अकाल / हरिराम मीणा
- अनदेखा किया जाता है जिसे / हरिराम मीणा
- शोषण / हरिराम मीणा
- किसकी बाजी, किसकी जीत? / हरिराम मीणा
- नववर्ष के लिए सन्देश / हरिराम मीणा
- यूँ ही नहीं चलेगा यह सब / हरिराम मीणा
- मोर्चे आमने-सामने / हरिराम मीणा
- चाँद / हरिराम मीणा
- जानते हैं हम / हरिराम मीणा
- हमें भरोसा है शब्दों पर / हरिराम मीणा
- अच्छे दिनों की उम्मीद में / हरिराम मीणा
- अतिक्रमण / हरिराम मीणा
- पूर्णिमा की रात और वह आदमी / हरिराम मीणा
- सुबह के इन्तज़ार में. / हरिराम मीणा
<sort>